प्रदर्शित की गयी किताबें, भ्रामिक मन और मनुष्य जहाँ रहता है, उस संसार का एक गहरी विश्लेषण और अनुसंधान का एक अमूल्य संग्रह है। वे मनुष्य के हर अनुभव और भावना, जो उसे ज्ञात है उनका गहन अध्ययन गहराई से किये गये हैं; कुछ जो वह बेहद प्यार करता है और कुछ जो वह घृणा करता है, पर फिर भी सब भ्रामिक है। उन्हें रोकने या आमन्त्रित करने के लिए, मनुष्य के निराशजनक प्रयास, छाया के समान वास्तविक होने का बताया गया है। उस विधि को समझने के लिए, पढ़वाले को सबूरी की आवश्यकता होगी जो डॉ:शंकर इन किताबों में समझाते हैं या प्रदीप्त करते हैं कि भ्रामिक को जब समझ में आ जाए तो वही ज्ञानोदय का मार्ग है।

 

 

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